कश्मीर में आतंकवादी हमला पाहलगाम में हमला

कश्मीर में भयावह आतंकी हमला: भारत-पाकिस्तान संबंधों में गहराया संकट

कश्मीर में भयावह आतंकी हमला: भारत-पाकिस्तान संबंधों में गहराया संकट

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कश्मीर में आतंकवादी हमला पाहलगाम में हमला


प्रकाशन तिथि: 24 अप्रैल 2025


पाहलगाम, जम्मू और कश्मीर
22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पाहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई और 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रारंभिक जांच में इस हमले की ज़िम्मेदारी प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक नए धड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है।

यह हमला 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में सबसे घातक माना जा रहा है। हमलावरों ने एक पर्यटक बस को निशाना बनाया, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए लोग सैर कर रहे थे। घटना स्थल पर भारी सुरक्षाबल तैनात किया गया है और तलाशी अभियान जारी है।

 

हमले के कुछ घंटों के भीतर भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान के साथ सभी वीजा सेवाएं तत्काल प्रभाव से रद्द कर दीं। इसके अलावा, भारत ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के सभी राजनयिकों को निष्कासित करने का आदेश दिया है।

भारत सरकार ने 1960 में किए गए ऐतिहासिक सिंधु जल संधि को भी निलंबित कर दिया है – यह कदम अभूतपूर्व माना जा रहा है, क्योंकि यह संधि अब तक सभी संघर्षों और युद्धों के दौरान भी प्रभावी रही थी।


पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई

भारत के निर्णयों के जवाब में पाकिस्तान ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। इस्लामाबाद ने भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है और द्विपक्षीय व्यापार को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भारत के आरोपों को “अवांछित और अस्वीकार्य” बताते हुए खारिज किया है और संयुक्त राष्ट्र तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की है।


तनाव की ओर बढ़ते रिश्ते

दोनों परमाणु शक्तियाँ एक बार फिर टकराव की स्थिति में खड़ी नजर आ रही हैं। भारत और पाकिस्तान की सीमाओं पर सैन्य गतिविधियों में वृद्धि देखी जा रही है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि हालात पर शीघ्र नियंत्रण नहीं पाया गया, तो यह क्षेत्रीय शांति के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

रक्षा विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) आर.के. मेहता के अनुसार, “भारत अब आतंकी नेटवर्क के खिलाफ प्रत्यक्ष कार्रवाई के विकल्प पर गंभीरता से विचार कर सकता है। वहीं पाकिस्तान की जवाबी तैयारी किसी भी संभावित टकराव को और जटिल बना सकती है।”


अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपील

अमेरिका, यूरोपीय संघ, और संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने और कूटनीतिक समाधान खोजने की अपील की है। हालांकि अब तक कोई स्पष्ट मध्यस्थता प्रस्ताव सामने नहीं आया है।


निष्कर्ष

पाहलगाम में हुआ यह आतंकवादी हमला केवल मानवीय त्रासदी नहीं है, बल्कि दक्षिण एशिया की नाजुक भू-राजनीतिक स्थिति के लिए एक खतरनाक संकेत भी है। आने वाले दिन यह तय करेंगे कि भारत और पाकिस्तान इस संकट को कैसे संभालते हैं — वार्ता की मेज़ पर लौटते हैं या सैन्य टकराव की ओर बढ़ते हैं।