एयरस्ट्राइक में लश्कर और जैश के ठिकाने तबाह, सीमापार आतंकी ढांचे को बड़ा झटका

भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सफल

भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सफल : एयरस्ट्राइक में लश्कर और जैश के ठिकाने तबाह, सीमापार आतंकी ढांचे को बड़ा झटका

operation-sindoor-300x169 भारत का 'ऑपरेशन सिंदूर' सफल
एयरस्ट्राइक में लश्कर और जैश के ठिकाने तबाह, सीमापार आतंकी ढांचे को बड़ा झटका

नई दिल्ली, 7 मई 2025 — भारतीय वायुसेना ने एक बार फिर देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए एक बड़ी सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर की गई इस सर्जिकल एयरस्ट्राइक को ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ नाम दिया गया। इस गोपनीय अभियान में भारतीय सेना ने आतंकी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया है।

कार्रवाई का समय और रणनीति

भारतीय वायुसेना ने यह ऑपरेशन 6 मई की रात 2:30 बजे अंजाम दिया। यह पूरी कार्रवाई केवल 18 मिनट में पूरी कर दी गई, जिसमें मिराज-2000 और SU-30MKI जैसे आधुनिक फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया गया। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा एकत्र किए गए सटीक इंटेलिजेंस के आधार पर यह निर्णय लिया गया।

सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन की तैयारी पिछले दो सप्ताह से चल रही थी। ड्रोन सर्विलांस, सैटेलाइट इमेजरी और जासूसी नेटवर्क के जरिए टारगेट की सटीक पहचान की गई थी।

कहां-कहां की गई बमबारी?

एयरस्ट्राइक मुख्य रूप से बालाकोट, मीरपुर, और कोटली इलाकों में की गई। इन इलाकों में लश्कर और जैश के प्रशिक्षण शिविर और हथियार डिपो मौजूद थे। बताया जा रहा है कि इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद के कमांड सेंटर सहित कम से कम 3 बड़े आतंकी अड्डे पूरी तरह नष्ट हो गए हैं।

लक्षित ठिकाने:

  • बालाकोट में जैश का मुख्य ट्रेनिंग कैंप

  • मीरपुर में लश्कर का हथियार भंडार

  • कोटली में आतंकियों का संचार केंद्र

कितने आतंकवादी मारे गए?

सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में 35 से 40 आतंकी मारे गए हैं। इन आतंकियों में कई हाई-प्रोफाइल नाम शामिल हैं, जिनमें अबू हमज़ा (लश्कर का ऑपरेशनल हेड) और मौलाना इमरान (जैश का सीनियर ट्रेनर) प्रमुख हैं। हालांकि, पाकिस्तान की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है और वह हमेशा की तरह इस बार भी इस हमले को ‘झूठा प्रचार’ बता रहा है।

प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री का बयान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन की सफलता पर सेना को बधाई देते हुए कहा,

“भारत की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हम अपने नागरिकों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे। ऑपरेशन सिंदूर हमारे सशस्त्र बलों की संकल्प शक्ति का प्रतीक है।”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस कार्रवाई को “प्रतिशोध नहीं, सुरक्षा की अनिवार्यता” बताया। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन अंतरराष्ट्रीय कानूनों और आत्मरक्षा के सिद्धांतों के तहत किया गया है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

अमेरिका, फ्रांस और जापान जैसे देशों ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को मान्यता दी है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि,

“आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई जायज है। हम आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा करते हैं।”

हालांकि, चीन ने एक संतुलित बयान देते हुए सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान ने भारतीय कार्रवाई को “अकारण आक्रमण” बताया है और संयुक्त राष्ट्र में शिकायत दर्ज कराने की बात कही है। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि “भारतीय विमान हमारे इलाके में घुसे जरूर, लेकिन जल्द ही खदेड़ दिए गए।”

हालांकि, सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय रक्षा विशेषज्ञों की रिपोर्ट कुछ और ही कहानी बयां कर रही हैं। सैटेलाइट इमेज में मीरपुर और बालाकोट के इलाकों में हुए भारी विस्फोटों के निशान साफ दिख रहे हैं।

भारत की आंतरिक राजनीति पर असर

इस ऑपरेशन ने देश में एक बार फिर राष्ट्रवादी भावनाओं को प्रबल कर दिया है। विपक्षी दलों ने भी सेना के पराक्रम की सराहना की है, हालांकि उन्होंने सरकार से इस पर संसद में विस्तृत चर्चा की मांग की है।

विपक्ष का बयान:

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा,

“हम सेना के साथ हैं। आतंक के खिलाफ हर निर्णायक कदम का समर्थन किया जाएगा। पर सरकार को भी पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए।”

निष्कर्ष

‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि यह भारत के बदले हुए रक्षा दृष्टिकोण का परिचायक है। आतंकवाद के खिलाफ भारत की यह नई नीति स्पष्ट है—अब शब्दों से नहीं, कार्यों से जवाब दिया जाएगा।